अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी Apne Jain Dharm Ki Sabse Anmol Ye Ghadi Jain Bhajan Lyrics

M Prajapat
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अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी Apne Jain Dharm Ki Sabse Anmol Ye Ghadi Jain Bhajan Lyrics -

॥ जैन भजन ॥

अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..
त्रिशलानंदन राजदुलारा झुले फूलों की लड़ी,
आओ मिलकर हम मनाएं आज मंगल ये घड़ी..

चंडकौशि चंदनबाला तुने हैं उठाएं,
आत्मा की आभा से हुए हैं उजाले..
मोहमाया को भी त्यागा, तुझसे समता हैं जुड़ी,
जिओ और जीने दो सबको, अमृतवाणी हैं तेरी..
अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..

महावीर के तत्वों को जीना भी होगा,
मानना नहीं, उन्हें जानना भी होगा..
आचरण में गर तुम लाओ, तो सफलता हैं बड़ी,
रंग लाएगी जीवन में यहीं आशा की कड़ी..
अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..

समता अहिंसा का बीज उसने बोया,
पंथो की लड़ाई में, कहीं पे हैं खोया..
फिरसे एक हो जाए हम, यही मांग हैं अभी,
साथ मिलकर हम चले तो मिट जाए मुश्किलें बड़ी..
अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..

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