लोना चमारिन - तांत्रिकों की देवी Lona Chamarin

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लोना चमारिन Lona Chamarin
लोना चमारिन (Lona Chamarin)

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लोना चमारिन कौन थीं ?

लोना चमारिन प्रारंभिक मध्य युग में शबर तंत्र के एक शक्तिशाली सिद्ध अभ्यासी थी, जो भारतीय राज्य असम में तांत्रिक पूजा के एक प्राचीन केंद्र कामरू देश (कामाख्या) के क्षेत्र से जुड़े थी। कामाख्या में माँ पार्वती का शक्तिपीठ है जो की माँ कामख्या के नाम से जाना जाता है, और कामाख्या प्राचीन काल से ही तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि वह मजबूत जादू-टोना और जादुई शक्तियों वाली एक जादूगरनी थी। लोना चमारिन अपने असाधारण कारनामों और ज्ञान के लिए जानी जाती हैं, और ब्राह्मण भी उन्हें अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में चाहते थे। वे तंत्र साधना की कलाओं में निपुण थीं और उनकी विरासत आज भी कायम है।

लोना चमारिन को एक जादूगरनी और प्रसिद्ध तांत्रिक के रूप में माना जाता है। वह शबर मंत्र को जागृत करने में अपनी विशेषज्ञता के लिए भी जानी जाती हैं, और उनकी विरासत कामाख्या में बनी हुई है, जहाँ नीलाचल पहाड़ियों पर एक जगह को तिरिया प्रदेश के नाम से जाना जाता है। लोना चमारी के इर्द-गिर्द विभिन्न कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं, और उन्हें एक महान जादूगर और आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में सम्मानित किया जाता है।

इसमाइल जोगी और लोना चमारिन

इस्माइल जोगी और लोना चमारिन का उल्लेख सार्वजनिक रूप से तांत्रिक प्रथाओं से जुड़े रहस्यमयी कार्यों के रूप में किया गया है, विशेष रूप से कामाख्या वाशिकरण मंत्र में। इस्माइल जोगी को कामाख्या के एक महान तांत्रिक के रूप में जाना जाता है, और कहा जाता है कि लोना चमारीन ने उनसे तांत्रिक विद्या सीखी थी। माना जाता है की बचपन से ही वह इसमाइल जोगी की शिष्य थीं।

लोग अपने मंत्रों में इस्माइल जोगी और लोना चमरीन से बुराई की छाया या किसी भी जहरीले प्राणी के क्रोध से बचने की अपील करते हैं। इसके अतिरिक्त, पाठ में शबर मंत्रों के उपयोग और तांत्रिक प्रथाओं में लोना चामरीन के महत्व पर चर्चा की गई है।

लोना चमारिन का जिक्र, लिक मुहम्मद जायसी की श्रेष्ठ भारतीय महकाव्य 'पद्मावत' में भी किया गया है। कहा जाता है कि लोना चमारिन की साधना बहुत जल्दी फल देती है। साथ ही तांत्रिक मंत्रों में इनकी दुहाई दी जाती है।

इनके मंत्र संस्कृत जैसी कठिन भाषा में नहीं थे, बल्कि बहुत ही सामान्य बोल चाल वाली भाषा में थे। जिससे लोगो को पढ़ने और समझने में काफी आसानी होती थी, ऐसी कारण लोना चमारिन के मंत्र कम समय में आस पास के गावों और कस्बो में इतने ज्यादा प्रचलित हो गए।

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विद्वान लोगों के अनुसार लोना चमारिन के विभिन्न रूप

  • राजस्थान ( ददरेवा गांव ) में कई जगह पर लोना चमारिन को गोगा जाहरवीर जी महाराज की शिष्या, और उनकी मां बाछल की दासी के रूप में भी माना जाता है। गोगा जाहरवीर जी महाराज राजस्थान के प्रसिद्ध देवताओ में से एक है। लोना चमारिन पास गुरु गोगा जी महाराज की सिद्धियां भी थी।
  • कुछ लोगो का मानना है की लोना चमारिन गुरु गोरखनाथ की शिष्या थी। गोरखनाथ जी, जो की भगवान शिव का अवतार है लोना चमारिन गुरु गोरखनाथ जी से काफी ज्ञान प्राप्त किया था। कहते है शिव सा ध्यानी और गोरखा सा ज्ञानी कोई नहीं।
  • और कुछ लोग मानते हैं कि लोना चमारिन पंजाब के अमृतसर शहर के चमार गांव की रहने वाली थी। जो की बहुत बड़ी जादूगरनी थी।

या यूँ कहे की एक ही समय में एक ही नाम की अलग अलग औरतें हुए जो तंत्र विद्या में निपुण थी। क्युकी एक ही औरत अलग अलग जगह से नहीं हो सकती है, हां एक ही नाम की औरते अलग अलग जगह से हो सकती है। हो सकता इन सभी को तंत्र विद्या बहुत अच्छे आती हो। लेकिन तंत्र मंत्रों में जिस देवी नाम लिया जाता है, और जिसे तांत्रिकों की देवी कहा जाता है वो तांत्रिक पूजा के एक प्राचीन केंद्र कामरू देश (कामाख्या) से है।

सरल शब्दो में लोना चमारिन का परिचय 

लोना चमारिन, जो की हमें नाम से पता चल रहा है की वो चमार जाति (हरिजन जाति) से थी। इनके गुरु इस्माइल जोगी महान तांत्रिक थे, इन्ही से उन्होंने तांत्रिक विद्या सीखी थी। लोना चमारिन ने तंत्र विद्या को इतनी गहता से सीखा कि उन्होंने इसमें काफी उपलब्धियां हासिल कर ली। लोना चमारिन ने गुरु गोरखनाथ, मां दुर्गा, और अन्य देवी देवताओं की साधना करके असीम शक्तियां हासिल की। जिनका नाम आज तंत्र की दुनिया में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है, और साथ-साथ जितने भी शाबर मंत्र हैं उन शाबर मंत्रों में लूना चमारी का एक विशेष स्थान है।

आज भी आसाम में कामरु देश (कामाख्या) में एक जगह है जिसे लूना जोगन के नाम से जाना जाता है। जहां पर लोग इन्हे देवी के रूप में पूजते है, और घर की कुल देवी के रूप में भी पूजा की जाती है। अगर आप तंत्र साधना में जाओगे तो लूना चमारी का उल्लेख जरूर मिलेगा। इनके अन्य नाम - लूना जोगन, लूणा जोगन, लूना चमारी, लोना योगन।

मंत्रों में लोना चमारी की दुहाई क्यों दी जाती है ? इससे क्या फर्क पड़ता है?

लोना चमारिन तांत्रिकों की देवी है, और इनके मंत्र शीघ्र फलदायी है इसलिए मंत्रों में लोना चमारी की दुहाई दी जाती है। मंत्रों में लोना चमारी की दुहाई ताकि मनचाहा कार्य शीघ्र पूरा हो सके। मान्यता है कि किसी भी शाबर मंत्र को सिद्ध करते समय यदि लोना चमारी की दुहाई दी जाए तो मंत्र अति शीघ्र सिद्ध होते है। इस साधना में सिद्धि प्राप्त करने पर साधक हर प्रकार के वशीकरण से मुक्त हो जाता है।

लोना चमारी शाबर मंत्र

शाबर मंत्र - 1

"कामरू देस कमाख्या देवी, जहां बसैं इसमाइल जोगी।
इसमाइल जोगी की लगी फुलवारी, फूल चुनैं लोना चमारिन।
जो लेई यह फूल की बास, वहिकी जान हमारे पास।
घर छोड़ै घर-आंगन छोड़ै, छोड़ै कुटुम्ब की मोह लाज।
दुहाई लोना चमारिन की।।"

शाबर मंत्र - 2

"ॐ नमो आदेश गुरु को, लूना चमारीन जगत की बिजुरी, मोती हेल चमके, जो “अमुक” पिंड में जान करे विजान करे, तो उस रण्डी पे फिरे, दुहाई तख़्त सुलेमान पैगंबर की, फिरे मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इश्वरोवाचा ।।"

image Source:- afternoonvoice.com

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1टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही सुन्दर वर्णन किया गया है।
    धन्यवाद ऐसी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए ।

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