हिरणी हरी सू अरज करे (Hirni Hari Su Araj Kare Lyrics)

M Prajapat
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हिरणी हरी सू अरज करे (Hirni Hari Su Araj Kare Lyrics)
हिरणी हरी सू अरज करे

हिरणी हरी सू अरज करे (Hirni Hari Su Araj Kare Lyrics)

पिव बचाबा ने इक हिरणी,
हरी सू करे पुकार ।
बिन पिवजी के प्राण तजू,
सुण म्हारा किरतार ॥

ओ म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
ओ म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।
म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।
ओ म्हारी समदर में डूबी जहाज,
हो...समदर में डूबी जहाज,
आ हिरणी हरी सू अरज करे ।

म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।

बावरिये ने बावर बांधी,
चौसठ बंध लगाय ।
हरी बावरिये ने बावर बांधी,
चौसठ बंध लगाय ।
हिरण्या कूद जंगल में नाखी,
हिरण्या कूद जंगल में नाखी,
मिरगा रो फँस गयो पाँव ।।
आ हिरणी हरी ने अरज करे ।
म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।

कहे मिरगलो सुण ये मिरगली,
तू गाफल मत होय ।
कहे मिरगलो सुण ये मिरगली,

तू धीरज मत खोय ।
तू तो कूद जंगल में रळ जा,
तू तो कूद जंगल में रळ जा,
हरी करे सो होय ।।
हिरणी हरी सूं अरज करे ।
म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।

तीन पाँव पर खड़ी मिरगली,
हरी सूं हेत लगाय ।
तीन पाँव पर खड़ी मिरगली,
हरी सूं हेत लगाय ।
हरी रो सिंहासन डोल्यो,
हरी रो सिंहासन डोल्यो,
बावरिया ने विष खाय ।।
आ हिरणी हरी ने अरज करे ।
म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,

हिरणी हरी ने अरज करे ।

टूटी डोर बंध हुआ ढीला,
मिरगा रो खुल गयो पाँव ।
अरी टूटी डोर बंध हुआ ढीला,
मिरगा रो खुल गयो पाँव ।
कहे कबीर सुनो भाई साधू,
कहे कबीर सुनो भाई साधू,
जोड़ी मिलाई भगवान ।
आ हिरणी हरी सूं अरज करे ।
म्हारा पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।
म्हारा पियाजी रा प्राण बचाय,
हिरणी हरी ने अरज करे ।
आ हिरणी हरी ने अरज करे ।
आ हिरणी हरी ने अरज करे ।

हिरणी हरी सू अरज करे || Chotu Singh Rawna || Hirni Hari Su Araj Kare || Rajasthani Bhajan

Singer : Chotu Singh Rawna 
Lyrics: Sant kabir das ji maharj

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