आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा आरती (Anand Mangal Ho Rahi Meri Amba Aarti)

M Prajapat
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आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा आरती (Anand Mangal Ho Rahi Meri Amba Aarti)
आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा आरती

आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा आरती (Anand Mangal Ho Rahi Meri Amba Aarti)

तुमरे भवन पर ज्योत जागे
ज्योत जागे रे मेरे पाप भागे
आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा ।।

ब्रह्मा जी वैद पड़ें तेरे द्वारे शंकर
ध्यान लगाये मैया के द्वारे
शंकर ध्यान लगाये मेरी अम्बा ।।

नारद नृत्य करे तेरे द्वारे कान्हा
बीन बजाये मेरी मैया के द्वार्वे ,
कान्हा बीन बजाये मेरी अम्बा ।।

पंच-रंग सुआ चोला अंग बीराजे
लाल किनारी लगाये मेरी मैया के चोला,
लाल किनारी लगाये मेरी अम्बा ।।

गल फूलों के हार बीराजे केसर
तिलक लगाये मेरी मैया के माथे ,
केसर तिलक लगाये मेरी अम्बा ।।

सर सोने दा छत्र बीराजे हीरे रतन
जडये मेरी मेरी मैया के छत्र ,
हीरे रतन जडये मेरी अम्बा ।।

बावन वीर चोंसंठ संग योजन
भेरों चवर झुलाये मेरी मैया के द्वारे,
भेरों चवर झुलाये मेरी अम्बा ।।

लोंक्ड-वीर भवन के आगे गोरख
नाद बजाये मेरी मैया के द्वारे,
गोरख नाद बजाये मेरी अम्बा ।।

सिमर-चरण तेरा ध्यानु यश गाये
बानेकाज निभाए मेरी मैया के बाने,
बानेकाज निभाए मेरीअम्बा ।।

तुमरे भवन पर ज्योत जागे
ज्योत जागे रे मेरे पाप भागे
आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा ।।

आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा,
आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा,
आनंद मंगल हो रही मेरी अम्बा !!

Anand Mangal Ho Rahi Meri Amba AARTI by Jyoti Prakash


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