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| नाग पंचमी आरती - जय श्री नाग देवता |
नाग पंचमी आरती - जय श्री नाग देवता (Naag Panchami Aarti - Naag Devta Aarti)
जय श्री नाग देवा, जय सर्प राज देवा।
उग्र है रूप तुम्हारा, भक्त करे सेवा।।
जय श्री नाग देवा....।।
तुम भक्तन हितकारी, भूमि भार धारी।
देवा भूमि भार धारी।
शिव के कंठ विराजे, रूप अति मनोहरी।।
ॐ जय श्री नाग देवा....।।
वसुदेव कृष्णा को लेकर, यमुना पर जब जाए।
वो यमुना पर जब जाए।
फन का छत्र बनाकर, यमुना पार लगाए।।
ॐ जय श्री नाग देवा....।।
अनंत वासुकी तक्षक, करकोटाक पिंगला।
देवा करकोटाक पिंगला।
कुल ये तेरे प्रमुख है, सहस्र फन दिखलाता।।
ॐ जय श्री नाग देवा....।।
नाग पंचमी के दिन, पूजा जो करते।
तेरी पूजा जो करते।
उनके कष्ट मिटाकर, सुखी सम्पन्न करते।।
ॐ जय श्री नाग देवा....।।
⤴️ आरती संग्रह
