![]() |
श्री गणेश भगवान Lord Ganesha |
भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। भगवान गणेश की 2 पत्नियां है, पहली पत्नी का नाम रिद्धि और दुसरी का नाम सिद्धि है। रिद्धि और सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं। भगवन गणेश का नाम हिंदी धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने से पहले लिया जाता है।
- श्री गणेश चालीसा
- श्री गणेश आरती - जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
- श्री गणेश आरती - शेंदुर लाल चढ़ायो
- श्री गणेश आरती - सुखकर्ता दुखहर्ता
- श्री गणेश मंत्र
- श्री गणेश अष्टोत्तर शतनामावली
- वरद गणेश अष्टोत्तर शतनामावली
श्री गणेश को किसी भी तरह की और कोई भी नई शुरुआत, समृद्धि, बुद्धि और सफलता के देवता और जीवन से बाधाओं को दूर करने वाले भगवान माना जाता है।
गणेशजी के बारह नाम
गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है। विद्यारम्भ तथा विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति की अराधना का विधान है।
श्री गणेश
पिता- भगवान शंकर
माता- भगवती पार्वती
भाई- श्री कार्तिकेय, अय्यप्पा (बड़े भाई)
बहन- अशोकसुन्दरी, मनसा देवी, देवी ज्योति (बड़ी बहन)
पत्नी- दो (१) ऋद्धि (२) सिद्धि (दक्षिण भारतीय संस्कृति में गणेशजी ब्रह्मचारी रूप में दर्शाये गये हैं)
पुत्र- दो 1. शुभ 2. लाभ
पुत्री - संतोषी माता
प्रिय भोग (मिष्ठान्न)- मोदक, लड्डू
प्रिय पुष्प- लाल रंग के
प्रिय वस्तु- दुर्वा (दूब), शमी-पत्र
अधिपति- जल तत्व के
मुख्य अस्त्र - परशु, रस्सी
वाहन - मूषक
प्रिय वस्त्र - हरा और लाल
त्यौहार - गणेश चतुर्थी
मंत्र -
ॐ वक्रतुंडाय विद्महे एकदंताय धिमहि तन्नो द दंती प्रचोद्यात।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वे कार्येषुसर्वदा:।
Comments
Post a Comment